रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation One Election) को लेकर एक महत्वपूर्ण विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विधि और संविधान विशेषज्ञ, जनप्रतिनिधि, अधिवक्ता, नगर निगम अधिकारी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य था – देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की आवश्यकता, फायदे और इसकी संवैधानिक बाधाओं पर विचार-विमर्श करना।
मुख्य वक्ताओं में सांसद संतोष पाण्डेय और विधायक राजेश मूणत
इस विचार संगोष्ठी में राजनांदगांव लोकसभा सांसद डॉ. संतोष पाण्डेय, रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत, रायपुर नगर निगम महापौर मीनल चौबे, राष्ट्रीय विचार मंच संयोजक रमेश सिंह ठाकुर और कई अन्य गणमान्य अतिथियों ने अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और वंदे मातरम के साथ हुई।
एक राष्ट्र एक चुनाव जनता के हित में: विधायक राजेश मूणत
विधायक राजेश मूणत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में चुनाव सुधार की दिशा में साहसिक पहल कर रहे हैं। हर साल अलग-अलग चुनावों से सरकारी संसाधन, समय और मानवबल की भारी बर्बादी होती है। ऐसे में एक साथ चुनाव होना राष्ट्रहित में है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव एक साथ कराकर इसकी दिशा में पहला कदम उठाया है।
भारत के लोकतंत्र में होगा क्रांतिकारी सुधार: सांसद पाण्डेय
सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि एक साथ चुनाव से सबसे बड़ा लाभ आम जनता, चुनाव आयोग और भारत सरकार को होगा। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में बार-बार चुनाव कराना संसाधनों की बर्बादी है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि यह व्यवस्था लागू होती है तो भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
संविधान में होंगे बड़े संशोधन: अधिवक्ता भूपेंद्र करवंडे
विधिक विशेषज्ञ भूपेंद्र करवंडे ने बताया कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ को लागू करने के लिए अनुच्छेद 82 और 83 सहित कई संवैधानिक संशोधन आवश्यक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे न केवल चुनावी खर्च में कमी आएगी, बल्कि समय की बचत भी होगी। चुनाव आयोग की भूमिका इस प्रणाली में और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी।
एक राष्ट्र एक चुनाव से होगा हजारों करोड़ का बचाव
अधिवक्ता भूपेंद्र ने यह भी बताया कि भारत में एक आम चुनाव में लगभग 4500 करोड़ रुपए का खर्च आता है। यदि राज्य और केंद्र के चुनाव एक साथ हों, तो भारी आर्थिक बचत की जा सकती है। इस बचत को विकास कार्यों में लगाया जा सकता है। दुनिया के कई देशों जैसे साउथ अफ्रीका, स्वीडन, बेल्जियम आदि में यह प्रणाली पहले से लागू है।
जनता से राय लेकर बनेगा मसौदा: महापौर मीनल चौबे
महापौर मीनल चौबे ने कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधि इस विचार को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम सभी लोगों से सुझाव लेकर इस पर एक ठोस मसौदा तैयार करेंगे, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया जाएगा।
कार्यक्रम में मौजूद रहे ये प्रमुख चेहरे
कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश ठाकुर, सत्यम दुआ, गोवर्धन खंडेलवाल, ओमकार बेस्ट, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, अंबर अग्रवाल, अभय भंसाली, राहुल राय, सुरेंद्र दुबे, सहित कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और रायपुर के प्रबुद्ध नागरिक शामिल हुए।