रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार को बने डेढ़ साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल विस्तार की औपचारिक घोषणा नहीं हो पाई है। पहले से ही एक मंत्री पद रिक्त था और फिर बृजमोहन अग्रवाल के लोकसभा चुनाव जीतकर इस्तीफा देने के बाद दूसरा पद भी खाली हो गया। अब जबकि मंत्रिमंडल में तीन पद रिक्त हैं, इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर लगातार जारी है।
हरियाणा मॉडल पर अटकी फाइल
सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ सरकार में हरियाणा का फार्मूला लागू करने की तैयारी है, जिसके तहत मुख्यमंत्री समेत कुल 14 मंत्री बनाए जाने हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री हैं। मगर, केंद्रीय संगठन से अभी तक अंतिम मुहर नहीं लगी है, और यही वजह है कि छह महीने बीत जाने के बाद भी शपथ ग्रहण की तारीख तय नहीं हो सकी है।
सीएम साय के लगातार दिल्ली दौरे, पर कोई निर्णय नहीं
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस मसले पर कई बार दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। हर बार वही बयान दोहराया जाता है—”थोड़ा इंतजार कीजिए, सही समय पर मंत्रिमंडल का विस्तार होगा”। लेकिन छह महीने बीतने के बाद अब कार्यकर्ताओं से लेकर जनता तक में बेचैनी साफ दिख रही है।
किन नामों की हो रही चर्चा?
मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले संभावित चेहरों में कई सीनियर नेता और पूर्व मंत्री लाइन में हैं। इनमें प्रमुख नाम हैं:
-
अमर अग्रवाल (बिलासपुर)
-
गजेंद्र यादव (दुर्ग)
-
पुरंदर मिश्रा (रायपुर)
-
राजेश मूणत
-
अजय चंद्राकर
-
धरमलाल कौशिक
-
लता उसेंडी
-
विक्रम उसेंडी
-
सुनील सोनी
पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष किरण देव का नाम भी दावेदारों में था, लेकिन उन्हें फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब उनकी दावेदारी स्वतः समाप्त हो गई है।
कई बार उड़ी शपथ ग्रहण की तारीख, लेकिन सब अफवाह
सूत्रों का दावा है कि अप्रैल में जब निगम-मंडल आयोगों की पहली सूची जारी की गई थी, तब कहा गया था कि नवरात्रि के भीतर ही मंत्रिमंडल विस्तार होगा। अमर अग्रवाल, गजेंद्र यादव और पुरंदर मिश्रा के नामों को लेकर चर्चाएं जोरों पर थीं, लेकिन वह महज कयास ही रह गए।