ACB ने रिश्वतखोरी में पकड़ने की कोशिश की, थानेदार को भनक लगते ही हुआ फरार
छत्तीसगढ़ के मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले से एक बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। चिल्हाटी थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया पर आरोप है कि उन्होंने FIR से नाम हटाने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। शिकायत मिलने पर रायपुर ACB की टीम थाने में छापा मारने पहुंची, लेकिन थानेदार को पहले ही खबर मिल गई और वह थाने से भाग निकला।
बैल ले जा रहे फौजी परिवार और किसान को थाने में रातभर कैद रखा गया, 1 लाख से ज्यादा की ली रिश्वत
20 अप्रैल को रविशंकर डहरिया और उनके स्टाफ ने महाराष्ट्र से बैल खरीदने आए एक फौजी परिवार और गरीब किसान समेत 5 लोगों को झूठे आरोप में गिरफ्तार किया। आरोप है कि इनसे 1 लाख रुपये से अधिक की रिश्वत वसूली गई। मामले में जांच होने पर आईजी अभिषेक शांडिल्य और एसपी वाईपी सिंह के निर्देश पर थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया गया।
एक्सीडेंट केस में नाम हटाने के लिए मांगी घूस, एसीबी की रेड से बच निकला थानेदार
सूत्रों के अनुसार, 20 अक्टूबर को चिल्हाटी गांव में एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। घटना में करीब 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई। बाद में आरोप लगे कि थाना प्रभारी ने इनका नाम हटाने के एवज में 5 लाख रुपए की मांग की।
इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जाल बिछाया और रेड डाली, लेकिन रविशंकर डहरिया को पहले ही भनक लग गई और वह मौके से फरार हो गया। इस कारण ACB की कार्यवाही विफल हो गई।
पत्रकारों पर दबाव बनाने की कोशिश, पुलिस ने भेजा नोटिस
इस पूरे मामले को उजागर करने वाले स्थानीय पत्रकारों को पुलिस प्रशासन की ओर से नोटिस भेजा गया है। नोटिस में पत्रकारों को थाने बुलाकर बयान दर्ज कराने को कहा गया है। पत्रकारों का कहना है कि यह दबाव की राजनीति है और भ्रष्ट पुलिसकर्मी को बचाने की कोशिश की जा रही है।
विधायक इंद्र शाह मंडावी का बड़ा बयान: जांच IG रैंक की टीम से करवाई जाए
मोहला मानपुर विधायक इंद्र शाह मंडावी ने इस पूरे मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, “थाना प्रभारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर उसे बचाने की कोशिश की जा रही है। जांच की निष्पक्षता के लिए इसे जिले से बाहर IG स्तर की टीम को सौंपा जाना चाहिए।”