रायपुर। छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टा इलाके में हाल ही में संपन्न हुए नक्सल विरोधी अभियान ने उग्रवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति को मजबूत किया है। इस ऑपरेशन में 31 नक्सली मारे गए, जिनमें संगठन के उच्च रैंकिंग के ACM और DVCM कैडर भी शामिल हैं। इस ऐतिहासिक सफलता के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खुद जवानों से मुलाकात करने और आगे की रणनीति बनाने के लिए बीजापुर और दंतेवाड़ा के सीमा पर स्थित गलगम सीआरपीएफ कैंप का दौरा किया।
मुख्यमंत्री का यह दौरा केवल जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए आगे की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
कर्रेगुट्टा में सैन्य कार्रवाई से नक्सलियों का गढ़ ढहाया गया
कर्रेगुट्टा नक्सलियों का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता था। लेकिन हालिया अभियान में सुरक्षा बलों ने 450 से अधिक IED डिफ्यूज किए, बड़ी मात्रा में हथियार जब्त किए और पहली बार नक्सलियों द्वारा निर्मित दो मेगा स्नाइपर गन बरामद की गईं। यह अभियान नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है और उनकी स्थिति कमजोर होती जा रही है।
विकास और सुरक्षा पर मुख्यमंत्री की फोकस्ड रणनीति
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज शाम बीजापुर में आयोजित समीक्षा बैठक में सुरक्षा अभियानों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, संचार और रोजगार जैसे विकास कार्यों की समीक्षा भी करेंगे। इस नीति से स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खिलाफ दोहरा हमला कर रही है—सुरक्षा बलों की सटीक कार्रवाई और तेजी से विकास योजनाओं के जरिए।
छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान की नई दिशा
सरकार का मानना है कि केवल हथियारों से नक्सलवाद खत्म नहीं होगा, बल्कि स्थायी शांति के लिए क्षेत्रीय विकास और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना जरूरी है। इसलिए कर्रेगुट्टा समेत प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और सामाजिक सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है।