रायपुर | छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित प्रदेशव्यापी ‘सुशासन तिहार’ का आज यानी 11 अप्रैल 2025 को चौथा और अंतिम दिन है।
इस तिहार का पहला चरण 8 अप्रैल से शुरू हुआ था, जिसका मकसद जनता की शिकायतों, सुझावों और समस्याओं को सीधे प्रशासन तक पहुंचाना है।
तीन चरणों में हो रहा है सुशासन तिहार, 5 मई से लगेंगे समाधान शिविर
‘सुशासन तिहार’ का आयोजन तीन चरणों में किया जा रहा है:
🔹 पहला चरण (8 से 11 अप्रैल) – इस चरण में आवेदन और शिकायतें एकत्रित की जा रही हैं।
🔹 दूसरा चरण (अप्रैल के अंतिम सप्ताह) – इन आवेदनों की समीक्षा और प्राथमिक छंटनी की जाएगी।
🔹 तीसरा चरण (5 से 31 मई) – पूरे प्रदेश में “समाधान शिविरों” का आयोजन होगा, जहां अधिकारी जनता से सीधे संवाद कर समस्याओं का समाधान करेंगे।
जनता के लिए खुला मंच: पारदर्शी शासन की मिसाल
सुशासन तिहार के तहत:
स्थानीय स्तर पर अधिकारी जनता की शिकायतें सीधे सुनेंगे
प्रेस कॉन्फ्रेंस और समीक्षा बैठकें आयोजित होंगी
शासन की योजनाओं पर सार्वजनिक संवाद और फीडबैक लिया जाएगा
पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा दिया जाएगा
राज्य सरकार का दावा है कि इस अभियान के माध्यम से शासन की योजनाएं और सेवाएं आम नागरिक तक प्रभावी ढंग से पहुंचेगी, और लोग बिना किसी बिचौलिये के अपनी बात सीधे प्रशासन के सामने रख पाएंगे।
क्या मिलेगा जनता को लाभ?
🔸 समयबद्ध शिकायत निवारण
🔸 जन योजनाओं की बेहतर जानकारी
🔸 नीति निर्माण में जनभागीदारी
🔸 निचले स्तर पर समाधान की व्यवस्था
मुख्यमंत्री द्वारा घोषित इस अभियान को “जनता को शासन का केंद्र” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत सामने आएगी और जनता को त्वरित राहत मिलेगी।