मासिक छत्तीसगढ़ी सुराज का 15 वेँ साल मेँ प्रवेश पर परिचर्चा

मासिक छत्तीसगढ़ी सुराज का 15 वेँ साल मेँ प्रवेश पर परिचर्चा

छत्तीसगढ़ में मार्च 26 तक नक्सली समस्या समाप्त करने की घोषणा पर केंद्रीय गृहमंत्रीअमित शाह और छ्ग के सीएम विष्णुदेव साय के संकल्प पर ‘छत्तीसगढ़ी सुराज ‘ के 15 वें साल में प्रवेश पर आयोजित परिचर्चा के अंश……

छ्ग के वरिष्ठ पत्रकार तथा मासिक छत्तीसगढ़ी सुराज के प्रधान संपादक ने परिचर्चा की शुरुआत करते हुए बताया कि अब छ्ग में करीब 54 साल के नक्सली आतंक से मुक्ति मिलने की संभा वना है,यह एक सुखद खबर रहेगी साथ ही बस्तर सहित नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के लिये विकास की नई इबादत भी बनेगी वहीँ लोगों राहत की सांस भी लेंगे।सन 1972 में बस्तर के भोपालपट्नम में पहली बार नक्सली धमक सुनी गई थी और मार्च 2026 में छ्ग को नक्सली मुक्त करने की घोषणा की गई है यदि ऐसा होता है (हालात तो इसकी गारंटी दे रहे हैं) तो यह बड़ी उपलब्धि होगी, छ्ग के आदिवासी अंचल बस्तर में विकास का मार्ग खुलेगा। वरिष्ठ पत्रकार प्रियंका कौशल का कहना था कि केंद्र और छग सरकार के सामूहिक पहल से नक्सली बैक फुट में आ गये हैं, तभी तो वार्ता का प्रस्ताव भेजा है। जिस तरह से बड़े नक्सली नेता मारे जा रहे हैं, आत्म समर्पण और गिरफ्तारी का दौर चल रहा है, उससे नक्सली विहीन छ्ग की संभावना बनती दिख रही है,

सीएम विष्णु देव साय की दृढ इच्छा शक्ति का परिणाम है। वरिष्ठ पत्रकार विशाल यादव की मानेँ तो वह दिन दूर नहीं ज़ब नक्सलवाद का नासूर छ्ग से खत्म हो जाएगा। बस्तर के आम जन भयमुक्त होकर जीवनयापन करेंगे, कई रहस्य अपने में समेटे बस्तर का देश विदेश के लोग दीदार कर सकेंगे। छ्ग की विष्णुदेव सरकार को अग्रिम बधाई..। व्यापारी नेता शिव ग्वालानी का कहना है कि बस्तर नक्सली मुक्त होने से छ्ग राहत की सांस तो लेगा ही साथ ही बस्तर में पर्यटन और व्यापार को भी नई दिशा मिलेगी, नक्सली समस्या के चलते बस्तर के वनोपज को नया बाजार भी मिलेगा। युवा नेता तथा कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी ने भी नक्सली उन्मूलन के राज्य सरकार के प्रयासों की तारीफ तो की साथ ही कहा की नक्सलियों के व्यवस्थापन का भी ईमानदारी से ध्यान रखा जाए, उन्होंने कहा कि बस्तर के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन तो हो पर प्राकृतिक धरोहरों से भी अधिक खिलवाड़ नहीं हो, सीए रवि ग्वा लानी का कहना है कि नक्सलवाद के चलते बस्तर का विकास प्रभा वित हुआ है, जाहिर है कि बस्तर के वनोपज, दुर्लभ जड़ीबूटीयों को नया बाजार मिलेगा, उद्योग पति भी बस्तर की तरफ आकर्षित होंगे, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, बस सरकार को ईमानदारी से प्रयास करना होगा। सभी ने मासिक छत्तीसगढ़ी सुराज के 15 सालों के निरंतर प्रगति पर शुभ कामनायें भी दी। आभार प्रदर्शन विशेष संवाद दाता अनिल साखरे भिलाई ने किया

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