ख़्वाब टूटे हैं मगर हौसले ज़िन्दा हैं…… हम वो हैं जहां मुश्किलें शर्मिंदा हैं……

ख़्वाब टूटे हैं मगर हौसले
ज़िन्दा हैं……
हम वो हैं जहां मुश्किलें
शर्मिंदा हैं……

नक्सली वारदात में युवा एडीशनल एसपी शहीद हो गये, वैसे जिस तरह बस्तर को नक्सली मुक्त करने की मुहिम चल रही है ऐसे में नक्सलियों की तरफ से किसी बड़ी वारदात की उम्मीद भी थी, ‘कारो या मरो’ की हालत में पहुंचे नक्सली अब अस्तित्व की आख़री लड़ाई लड़ रहे हैँ, शहीद आकाशराव गिरेपुंजे छ्ग में तीसरे एएसपी हैं जो नक्सलियों का निशाना बने हैं।छ्ग बनने के पहले मप्र के समय 85 बैच के डीएस पी आर.एन. बंसल कभी रायपुर यातायात के प्रभारी थे, बाद में बालाघाट में पद स्थापना के समय 1998 में नक्सलियों से मठभेड़ में उनकी शहादत हुई थी,बाद में उनके बेटे की डीएसपी अनुकम्पा नियुक्ति हुई थी। वहीं 12 जुलाई 2009 को मोहला-मानपुर में विनोद चौबे बतौर एसपी शहीद हो चुके हैं। 3 फरवरी 2000 को नक्सलियों ने पुलिस वाहन उड़ा दिया था जिसमें एएसपी भास्कर दीवान की बस्तर नारायणपुर क्षेत्र में शहादत हो गई थी। बस्तर में कई नक्सली मुठभेड़ में शामिल रहे ज़ब बस्तर से कार्यमुक्त होकर लौट रहे थे तब नक्सलियों ने निशाना बनाया था। मई 2011 में एएसपी राजेश पवार भी गरियाबंद जिले में नक्सली वारदात में शहीद हो चुके हैं। वैसे बस्तर ही नहीं देश की सबसे बड़ी नक्सली वार दात तालमेटला में 6 अप्रेल 2010 को हुई थी जिसमें 75 सुरक्षाबलों के साथ 76 शहीद हुये थे। तो झीरम घाटी में एक बड़ी वारदात में विद्याचरण शुक्ला, महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल आदि की शहादत हुई थी।

बड़े बांधों में केवल 24%
ही पानी बचा है…..!

छत्तीसगढ़ में भले ही मान सून का समय पूर्व प्रवेश हो गया,लेकिन स्थानीयसिस्टम मजबूत नहीं होने से बारिश थम गई है। वहीं छ्ग के बांधों का जलस्तर लगातार कम होता जा रहा है।मार्च से बांधों से निस्तारी के लिए पानी छोड़े जाने से अब प्रदेश के बांधों में 24% जलभराव है। वहीं 5 बांध पूरी तरह खाली हो गए हैं। इनमें मुरुमसिल्ली,मोंगरा बैराज, किनकारी नाला, पेंड्रावन,धारा जलाशय सूख गए हैं। इन बांधों के खाली होने का मुख्य कारण कम बारिश, पानी की अधिक निकासी है। छ्ग में 17मार्च से सरकार के निर्णय के बाद निस्तारी के लिए पानी बांधों से छोड़े जाने का क्रम शुरू हुआ। तब बांधोँ में 55% से अधिक पानी था। तालाबों को भरने के लिए छोड़े जाने वाले पानी का सही ढंग से आकलन नहीं होने के कारण भीषण गर्मी से निपटने लगातार डेढ़माह तक यह क्रम चला। अब प्रदेश के 12 बड़े बांधों में भी 24 % पानी बचा है। इनमें मिनीमाता बांगो में 25,गंगरेल में 31,तांदुला में 17,दुधावा में 19,सिकासार में 18,खारंग में 33, सोंदूर में18,कोड़ार में 8% पानी शेष है। सिंचाई विभाग की मानें तो इनमें से कई बांधों में अब पेयजल, औद्योगिक उपयोग के लिए पानी शेष रह गया है। मुरुमसिल्ली बांध,जो महानदी की सहा यक नदी सिलयारी पर बना है, पूरी तरह सूख गया है। बांध में साइफन स्पिलवे सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है,पानी रखने की क्षमता 40.15 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इस बार हालात ऐसे हो गए हैं कि पहली बार इसमें पानीबहुत कम हो गया है।अब हालात यह हैं कि बांध को भरने के लिए सिर्फ बारिश का इंत जार किया जा रहा है।

कौन बनेगा अगला सीएस
और डीजीपी…..!

छत्तीसगढ़ में इस माह 2 बड़े निर्णय होने हैं, प्रशा सनिक मुखिया (मुख्य सचिव) पुलिस मुखिया (डीजीपी) की नियुक्ति के आदेश होने हैं। जहां तक डीजीपी का सवाल है तो अरुनदेव गौतम का स्थायी डीजीपी बनना लगभग तय है, हालांकि अन्य दावेदार कोर्ट का सहारा लेने प्रयास रत हैं।इधर छग में मुख्य सचिव के रूप में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले 1989 बैच के आईएएस अमिताभ जैन 30 जून को रिटायर हो रहे हैं, राज्य में उनके उत्तराधिकारी की खोज में पसीने छूट रहे हैं।दरअसल वरिष्ठता क्रम में तो 1991 बैच की आईए एस अफसर रेणु पिल्ले का दावा है लेकिन सत्तातंत्र जानता है कि रेणु पिल्ले, असुविधा जनक नाम है जो कभी नियम–कायदों से परे नहीं जाएंगी।वैसे चर्चा है कि अगले मुख्य सचिव के रूप में 1994 बैच के आई एएस मनोज पिंगुआ को सरकार की पसंद में सबसे ऊपर माना जा रहा था।मनोज पिंगुआ को केंद्र सरकार में भी काम का अच्छा खासा अनुभव है।लेकिन इस बीच दिल्ली से आए एक ‘फोन कॉल’ ने राज्य के समीकरण को बिगाड़ दिया है। चर्चा यह है कि दिल्ली से एक अत्यंत प्रभावशाली व्यक्ति ने फोन कर अगले मुख्य सचिव के रूप में 1992 बैच के आई एएस सुब्रत साहू के नाम की चर्चा की है। चर्चा का वजन दिल्ली से आए फोन के वजन से तय हो रहा है। दरअसल सुब्रत साहू राज्य सरकार की पसंद की सूची में नहीं थे क्योंकि अतिरिक्त मुख्य सचिव,कांग्रेस पार्टी की पिछली भूपेश सरकार में सीएम सचिवालय में पदस्थ थे।आज की सरकार में बैठे लोग साहू को भूपेश के नजदीक मानते हैं,तब की नौकरशाही में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में उनके प्रभावशाली होने की धारणा की हकीकत सभी जानते हैं !सुब्रत के पिता ओडिशा के मुख्यसचिव रह चुके हैं, साहू छग में अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं लेकिन सरकार बदलने के बादबड़ी जिम्मेदारियां नहीं दी गईं।सुब्रत साहू के अलावा केंद्र सरकार में पदस्थ 1993 बैच के अमित अग्रवाल का भी नाम चर्चा में है।केंद्र में उनका अनुभव, छग में ही परफॉर्मेंस उनके पक्ष में माना जाता है। इसके बाद 1994 बैच की आईएएस ऋचा शर्मा, निधि छिब्बर, विकास शील और फिर मनोज पिंगुआ का नाम है।विकासशील भी केंद्र में पदस्थ हैं ।इन चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह भी कि अमिताभ जैन को भी सेवा वृद्धि मिल सकती है….!हालांकि अमिताभ जैन ने मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए भी आवेदन किया है।उस पर भी अभी फैसला नहीं हुआ है। इधर उत्तरा खंड और हिमाचल प्रदेश में मुख्य सचिव सेवानिवृत्ति के बाद सेवावृद्धि पा चुके हैं।माना जा रहा है कि केंद्र सरकार का रुख सेवावृद्धि को लेकर लचीला बना है।अब छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को लेकर स्थिति 30 जून तक ही स्पष्ट होगी।

और अब बस…..

0छत्तीसगढ़ के 65 लाख बिजली उपभोक्ता को इस महीने महंगाई का झटका लगने वाला है। अगले बिल में फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्ट मेंट सरचार्ज (FPP AS) दोबारा लागू होने से उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल चुकाना होगा।
0हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं का आलीशान बंगला टूट सकता है। बंगले से जुड़े दस्तावेज टीम को मिले हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है।

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