राजधानी रायपुर के डंगनिया स्थित भगवान परशुराम मंदिर में ब्राम्हण समाज द्वारा धूमधाम से परशुराम जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की।
भगवान परशुराम को किया नमन
मुख्यमंत्री साय ने भगवान परशुराम को विष्णु का छठवां अवतार बताते हुए उन्हें धर्म और न्याय के प्रतीक के रूप में नमन किया। उन्होंने कहा कि ब्राम्हण समाज सदैव ज्ञान और संस्कृति के संवाहक के रूप में समाज को दिशा देता रहा है।
श्रीरामलला दर्शन योजना पर दी जानकारी
सीएम साय ने बताया कि श्रीरामलला दर्शन योजना के अंतर्गत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन कर चुके हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना भी प्रारंभ की गई है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा निशुल्क तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी।
नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जंग
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा।” उन्होंने राज्य की 44% वनभूमि और प्राकृतिक संसाधनों को विकास का आधार बनाकर युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की बात कही।
भ्रष्टाचार पर डिजिटल वार
सीएम साय ने बताया कि उनकी सरकार ने डिजिटलीकरण को आधार बनाकर भ्रष्टाचार पर कड़ा नियंत्रण लगाया है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और राज्य विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है।
मोदी गारंटी के वादे निभाए
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, धान का ₹3100 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य और तेंदूपत्ता की ₹5500 प्रति बोरा दर जैसे फैसले मोदी गारंटी को धरातल पर उतारने की मिसाल हैं। इससे किसानों, ग्रामीणों और जनजातीय समाज को सीधा लाभ मिल रहा है।
ब्राम्हण समाज की भूमिका सराहनीय
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में शासन की प्रक्रियाओं और संस्थानों का शुद्धिकरण किया जा रहा है। उन्होंने पीएससी भ्रष्टाचार जांच, कौशल विकास और सुशासन को सरकार की प्रमुख उपलब्धियां बताया।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य
कार्यक्रम में महंत वेदप्रकाशाचार्य, विधायक मोतीलाल साहू, मीनल चौबे (रायपुर महापौर), डॉ. वर्णिका शर्मा (बाल संरक्षण आयोग), शशांक शर्मा (साहित्य अकादमी अध्यक्ष), श्री शिवांजल गोविंद शर्मा सहित कई अन्य समाज प्रमुख और नागरिक शामिल हुए।