कबीरधाम |छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में राज्य सरकार की पुनर्वास नीति रंग ला रही है। गुरुवार को जिले में सात लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। अब तक जिले में 11 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि नक्सलियों में सरकार की नीति और पुलिस के प्रयासों के प्रति विश्वास बढ़ा है।
कौन हैं ये नक्सली दंपत्ति?
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के नाम हैं:
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रमेश उर्फ आटम गुड्डू — प्लाटून नंबर 01 का सदस्य
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सविता उर्फ लच्छी पोयम — टांडा एरिया कमेटी की सदस्य
दोनों पिछले 8 वर्षों से एमएमसी जोन (मध्यक्षेत्र मोर्चा) में सक्रिय थे। 2019 में रमेश भोरमदेव क्षेत्र में एक मुठभेड़ के दौरान घायल भी हो चुका है।
आत्मसमर्पण का कारण: अंदरूनी संघर्ष और आदिवासियों पर अत्याचार
नक्सली दंपत्ति ने आत्मसमर्पण के बाद बताया कि संगठन के भीतर का अंदरूनी टकराव, विचारधारा से भटकाव और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार ने उन्हें विचलित कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नई पुनर्वास नीति ने उन्हें प्रभावित किया, और वे समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं।
मिली 25-25 हजार की प्रोत्साहन राशि
आत्मसमर्पण के बाद दोनों को राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक को 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुनर्वास नीति के तहत उन्हें आगे प्रशिक्षण, सुरक्षा और जीवन पुनर्निर्माण में मदद दी जाएगी।
अब तक 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया
कबीरधाम जिले में अब तक कुल 11 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिससे यह साफ है कि नक्सली प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है और राज्य सरकार की रणनीति सफल हो रही है।
मुख्य बिंदु:
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सात लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने किया आत्मसमर्पण
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राज्य सरकार की पुनर्वास नीति से हुए प्रभावित
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एमएमसी जोन में पिछले 8 वर्षों से थे सक्रिय
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आत्मसमर्पण के बाद मिली 25-25 हजार की प्रोत्साहन राशि
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संगठन के अंदरूनी संघर्ष और आदिवासी अत्याचारों से थे आहत
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अब तक कबीरधाम में 11 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण