रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के व्यवसायियों को बड़ी राहत देते हुए पेट्रोल पंप खोलने के लिए राज्य स्तर के लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब व्यवसायियों को केवल केंद्रीय पेट्रोलियम अधिनियम के नियमों का पालन करना होगा। यह फैसला 14 नवंबर 2024 को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर लागू किया गया है।
अब क्या बदला है?
पहले:
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व्यवसायियों को कलेक्टर के माध्यम से खाद्य विभाग से क्रय-विक्रय लाइसेंस लेना होता था।
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लाइसेंस का हर साल या तीन साल में नवीनीकरण करना होता था।
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केंद्र और राज्य दोनों से अनुमति लेनी पड़ती थी, जिससे समय और खर्च बढ़ता था।
अब:
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केवल केंद्र सरकार के नियमों का पालन करना होगा।
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राज्य स्तर की अनुमति और लाइसेंसिंग प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है।
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कागजी कार्रवाई कम होगी और एक ही स्तर पर अनुमति से काम शुरू किया जा सकेगा।
व्यापारियों को क्या फायदा मिलेगा?
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नए पेट्रोल पंप की स्थापना अब तेजी से हो सकेगी।
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कम लागत, कम समय और कम दस्तावेजी प्रक्रिया के चलते छोटे उद्यमियों और तेल कंपनियों को बड़ी राहत।
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खासकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में पेट्रोल पंप खोलने को बढ़ावा मिलेगा, जहां ईंधन की सुविधा सीमित है।
जनता और राज्य को कैसे होगा लाभ?
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ईंधन की उपलब्धता बेहतर होगी, खासकर उन इलाकों में जहां अब तक पंप नहीं थे।
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ग्रामीण इलाकों में सुविधा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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निवेश को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
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सरकार के Ease of Doing Business के लक्ष्य को भी बल मिलेगा।