बलरामपुर. रामानुजगंज शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली कनहर नदी एक बार फिर चर्चा में है। इस बार कारण बेहद चिंताजनक है—नदी पर बने एनिकट का गेट अचानक खुल गया, जिससे उसमें जमा सारा पानी बहकर निकल गया। इस घटना के बाद 25 हजार की आबादी वाले शहर में पेयजल संकट की गंभीर आशंका जताई जा रही है।
कनहर नदी से होती है पेयजल आपूर्ति
रामानुजगंज में नल-जल योजना के तहत लोगों को जो पानी मिलता है, वह कनहर नदी से ही लिया जाता है। इस नदी के पानी को फिल्टर कर नगर के घर-घर पहुंचाया जाता है। लेकिन एनिकट के गेट के खुलने से फिलहाल जलस्रोत लगभग खाली हो गया है, जिससे नगरवासियों की चिंता बढ़ गई है।
पानी खाली होते ही मछली पकड़ने वालों की भीड़
जैसे ही लोगों को पता चला कि एनिकट में जमा पानी बह चुका है, मछली पकड़ने वालों की भीड़ मौके पर उमड़ पड़ी। कई स्थानीय लोग खाली हो चुके नदी तल से मछलियां पकड़ते देखे गए, जिससे यह स्थल कुछ समय के लिए पूरी तरह व्यस्त हो गया।
गेट कैसे खुला, अब तक रहस्य
इस पूरे मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि एनिकट का गेट कैसे खुला, इसका कोई स्पष्ट जवाब प्रशासन या संबंधित विभाग के पास नहीं है। न ही कोई तकनीकी खराबी सामने आई है और न ही किसी कर्मी द्वारा गेट खोलने की जानकारी दी गई है। इससे यह मामला और भी संदेहास्पद और गंभीर बन गया है।
जल संकट से निपटने के लिए तैयारी जरूरी
यदि जल्द ही कनहर नदी में जल संग्रह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में रामानुजगंज के हजारों लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। नगर पंचायत और जल संसाधन विभाग को तत्काल स्थिति की समीक्षा कर समाधान निकालने की ज़रूरत है।