बीजापुर। मंगलवार रात जब भारतीय सेना ने सीमापार आतंकियों को सबक सिखाया, उसी वक्त छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ में भी सुरक्षाबलों ने एक बड़ा नक्सल विरोधी अभियान चलाया। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, इस सघन ऑपरेशन में 20 नक्सली मारे जा चुके हैं, और यह संख्या बढ़ने की संभावना है।
अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
करीब पंद्रह दिन से अधिक समय से चल रही घेराबंदी के बाद यह ऑपरेशन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। बुधवार सुबह तक सुरक्षाबलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ को लगभग घेर लिया है और दो पहाड़ियों पर पूरी तरह कब्जा कर लिया गया है। माना जा रहा है कि तीसरी पहाड़ी पर भी जल्दी ही सुरक्षा बल नियंत्रण हासिल कर लेंगे।
हेलीकॉप्टर से जवानों की तैनाती
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से जवानों को पिछले सप्ताह धोबे की पहाड़ियों पर उतारा गया था, जो कर्रेगुट्टा के पास स्थित हैं। यहीं से ऑपरेशन को अंजाम देने की रणनीति बनाई गई थी। खुफिया इनपुट के अनुसार, कर्रेगुट्टा पहाड़ पर शीर्ष नक्सली लीडर्स भी छिपे हुए हैं, जिन्होंने महीने भर का राशन-पानी जमा कर रखा था।
यह पहाड़ घने जंगलों और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों से घिरा है, जिससे यहां नक्सलियों को छिपने और ठिकाना बनाने में आसानी होती है। यहां पानी के प्राकृतिक स्रोत भी हैं, जो लंबी मुठभेड़ों में उनका साथ देते हैं। यही वजह है कि नक्सलियों ने इसे रणनीतिक केंद्र बना रखा था।
यह सवाल अब सबसे महत्वपूर्ण हो चला है। क्या सुरक्षा बल इतने लंबे ऑपरेशन के बाद वांछित नक्सली लीडर्स को पकड़ पाएंगे, या वे फिर एक बार जंगल के रास्तों से फिसलकर भाग निकलेंगे? यह आने वाले 24 घंटे में स्पष्ट हो जाएगा।