रायपुर। छत्तीसगढ़ के संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा संचालित परीक्षाओं में पिछले वर्ष सामने आए घोटाले के बाद इस बार मूल्यांकन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस बार केंद्रीकृत मूल्यांकन प्रणाली लागू की गई है, जो अब तक जिलेवार केंद्रों के माध्यम से होती आ रही थी।
दूधाधारी मठ में ठहरे मूल्यांकनकर्ता, उत्तरपुस्तिकाएं सीसीटीवी निगरानी में जांची जा रही
प्रदेशभर से चयनित 56 संस्कृत शिक्षकों को रायपुर बुलाया गया है, जिनके ठहरने की व्यवस्था दूधाधारी मठ स्थित संस्कृत पाठशाला में की गई है। यह व्यवस्था खासतौर पर महिला शिक्षकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए की गई है। उत्तरपुस्तिकाओं की जांच पेंशनबाड़ा स्थित संस्कृत विद्यामंडलम कार्यालय में की जा रही है, जहां सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में मूल्यांकन कार्य किया जा रहा है।
8 अप्रैल से शुरू हुआ मूल्यांकन, 18 अप्रैल तक पूरा होने की संभावना
संस्कृत विद्यामंडलम की 9वीं से 12वीं तक की परीक्षा में कुल 3,082 विद्यार्थी शामिल हुए हैं। इन छात्रों की लगभग 26,000 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच होनी है, जिनमें से अब तक 1,192 उत्तरपुस्तिकाएं शेष हैं। उम्मीद है कि 18 अप्रैल तक मूल्यांकन कार्य पूरा कर लिया जाएगा और रिजल्ट अप्रैल के अंत या मई के पहले सप्ताह में घोषित किया जाएगा।
घोटाले के बाद इस बार मेरिट लिस्ट भी होगी जारी
पिछले वर्ष हुए घोटाले के चलते संस्कृत विद्यामंडलम ने मेरिट लिस्ट रद्द कर दी थी। हरिभूमि की रिपोर्ट में सामने आया था कि बोर्ड की टॉपर परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थी और कई छात्रों को फर्जी तरीके से पास किया गया था। इस बार पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मंडल ने सख्त निगरानी के साथ मूल्यांकन कराया है और मेरिट लिस्ट भी जारी करने की योजना है।
पांचवीं और आठवीं की परीक्षा जिला स्तर पर
संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा जहां नवमी से बारहवीं तक की परीक्षा आयोजित की गई, वहीं पांचवीं और आठवीं की परीक्षा जिला शिक्षा कार्यालय के माध्यम से जिला स्तर पर आयोजित की गई। इस बार परीक्षा की तारीखें माध्यमिक शिक्षा मंडल के साथ समान रखी गईं ताकि छात्र दोनों बोर्ड की परीक्षा में एक साथ न बैठ सकें।