लहर है,हौसला है,रब है,
हिम्मत है,दुआएं हैं…
किनारा करने वालों से,
किनारा कर लिया मैंने…
देश के उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा,मनाने की भी कोशिश नहीं… इस्तीफा भी स्वीकार करना क्या संकेत देता है?उपराष्ट्रपतिजगदीप धनखड़ के कार्यकाल का लगभग 2 साल बकाया था, किंतु मानसून सत्र के पहले दिन ही राज्यसभा से विदाई लेली,भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सत्र में इस्तीफा देनेवाले पहले उपराष्ट्रपति हैं। हालांकि उनका स्वास्थ्य जब-तब गड़बड़ होता रहा है किंतु हालत अभी तोनहीं थी।सत्र का पहला दिन तो वे ठीक-ठाक थे…सदन में हंगामे से शायद परेशान हो गए होंगे…लोगों से बराबर मिले भी।फिरअचानक क्या हुआ? आक्रोशित विपक्ष से परेशान होने से भयभीत थे, तो पीएम की तरह चंद रोज़ राज्यसभा से दूरी बना भी सकते थे,जैसे पीएम विदेश दौरे पर सदन से निकलकर राहत की सांस लेकर चल दिए,अचानक कुछ खासतो हुआ..? या तो बिहारचुनाव आड़े आया है या सुप्रीम कोर्ट से डर गए? कतिपय लोगों का कहना हैहरियाणा चुनाव के दौरान उन्हें बंगाल राज्यपाल से हटाकर उप राष्ट्रपति बनाया था। शायद बिहार चुनाव में जीत के लिए बिहार से उपराष्ट्रपति की तलाश पूरी हो गईहोगी। हो सकता है नीतीश कुमार को बहलाने,जदयू कोप्रसन्न करने ही इस्तीफा लियागया हो..? दूसरी बात अहमियत रखती है राज्यसभा केसभा पति के तौर पर विपक्षीदलों से उनकी बहसें सुर्खियों में रहीं,अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट पर उनकी सख़्त टिप्पणी भी चर्चा का विषय बनी थी। सुको के एक फ़ैसले को लेकर भी कहा था कि ‘अदालतें राष्ट्रपति को तो आदेश नहीं दे सकतीं…’ असल में सुको ने हाल में विधेयकों को मंज़ूरी देने के लिए राष्ट्रपति-राज्यपालों के लिए समय-सीमा तय करने की बात कही थी। इस पर उपराष्ट्रपति ने कहा ‘संवि धान का अनुच्छेद142ऐसी परमाणु मिसाइल बन गया, लोकतांत्रिक ताक़तों के ख़िलाफ़ न्याय पालिका के पास 24 घंटे मौजूद रहती है।’सुप्रीमकोर्ट की भी अव मानना की तलवार उन पर लटकी हुई थी। एक जाट इस तरह पलायन नहीं कर सकता था… । राजनीतिक करियर हमेशा ही विवाद ग्रस्त रहा है। जनतादल से कांग्रेस, फिर भाजपा तक के सफ़र में कई अहम भूमि काएं निभाईं। इस दौरान तो कई बार बयानों, फैसलों को लेकर विवादों में घिरे। जुलाई2019,पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनने के बाद राजनीतिक सुर्खियों में बने रहे। राज्य में उनका ममता सरकार से कई मुद्दों पर टकराव रहा।उन परसरकार के पक्षधर होने केभी गंभीर आरोप लगे। वे हंसते हुए टालते रहे, वे राज्यसभा को सभापति विहीन कर अचा नक चले गए। रास उपसभा पति हरि वंश सिंह उनकी जगह संभालेंगे। किंतु ख़बर हैअगले माह उनका कार्य काल समाप्त हो रहा है। वैसे उपराष्ट्रपति के चुनाव में लंबे समय का इंतजार कर ना पड़ सकता है।नवा गत उपराष्ट्रपति के लिये आरिफ मोहम्मद खान, नीतीश कुमार,(हालांकि वे तैयार होंगे ऐसा लगता नहीं है..) मनोज सिन्हा, हरिवंश सिंह, राजनाथ सिँह,कर्पूरी ठाकुर के बेटे,राज्यपाल ओम माथुर आदि के नामों की चर्चा शुरू हो गई है पर भाजपा किसी अन्य को भी उपराष्ट्रपति बना सकती है….?
धनखड़ इस्तीफा देने
वाले पहले नहीं…..
अपने कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ पहले राजनेता नहीं है। उनके पहले वीवी गिरि ने उपराष्ट्रपति पद पर रहते हुए इस्तीफा दे दिया था।3 मई 1969 को राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाला था। गिरि ने 2जुलाई 1969 को उपराष्ट्र पति पद से इस्तीफा देकर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनावलड़ा।अपना कार्यकाल पूरा न करनेवाले पहले उपराष्ट्रपति थे।भैरों सिंह शेखावत ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए उम्मीद वार प्रतिभा पाटिल के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद 21 जुलाई 2007 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। उप राष्ट्रपति आर.वेंकट रमन, शंकरदयाल शर्मा, केआर नारायणन ने भी इस्तीफा दिया था,लेकिन राष्ट्रपति चुने जाने के बाद…..
जोगी,रमन की तरह ही
विष्णुदेव सरकार फिर नहीं आएगी..?
हरेली तिहार में पूर्व सीएम भूपेश बघेल को अपने बेटे चैतन्य की याद आ गई। वह इन दिनों शराब घोटाले के एक मामले में जेल में बंद है, बघेल ने घर ‘हरेली तिहार’ आयोजन के दौरान यहां तक कहा कि जिसने भी उनके परिवार को गिर फ्तार किया…उसकी सर कार चली गई।उन्होँने कहा मेरे ‘पिता’को जोगी सरकार ने जेल भेजा सरकार चली गई, ‘मुझे’ रमनसिंह ने जेल भेजा तो सरकार चली गई। ‘बेटे’ को जेल भेजने वाली विष्णुदेव सरकार फिर नहीं आएगी…! इनके दिमाग में भूपेश का डर बसा हुआ है इसलिए चैतन्य को गिर फ्तार किया है। उधर इस बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम व वर्तमान में छग विधानसभा अध्यक्ष डा.रमनसिंह नेकहा -किसी के श्राप से कुछ नहीं होता, भ्रष्टाचार किया है तोउसका फैसला अदालत में होगा।अनरसा-गुलगुला केमिठास के बीच इस जुबानी तकरार की सियासी गलियारे में चर्चा होते रही कि जोगी सरकार तो कांग्रेस की थी और अब पता नहीं इस सर कार के गिरने की बात भूपेश कैसे कर रहे हैं? वैसे अभी तो अगले विस चुनाव के लिये साढ़े तीन साल का वक्त है…..?
जोगी की महानगर…चौधरी
की एससीआर बनाने तैयारी!.
रायपुर के पूर्व कलेक्टर तथा छत्तीसगढ़ के पहले सीएम अजीत जोगी ने राय पुर, भिलाई, दुर्ग, अभनपुर, मंदिर हसौद,आरंग,धर सींवा,सिमगा आदि मिला कर ‘रायपुर महानगर’बनाने का विचार किया था, मुझसे चर्चा में उनका कहना थाकि ये सब जुड़ जाएँगे तो देश का सम्भवत: सबसे बड़ा महानगर बन जाएगा,खैर उनकी सरकार दूसरी बार नहीं बनी और वह योजना फलिभूत नहीं हो सकी….?हाल-फिलहाल रायपुर के पूर्व कलेक्टर तथा वित्तमंत्री ओ पी चौधरी ने दिल्ली के (एनसीआर) की तरह स्टेट कैपिटल रीजन(एससीआर) बनाने की तैयारी कर रही है। विस में इसे सहमति भी मिल चुकी है।आवास मंत्री चौधरी के मुताबिक रायपुर, नवा रायपुर दुर्ग व भिलाई को एससीआर योजना के तहत जोड़ा जाएगा, संब धित विभागों में एससीआर योजना,डीपीआर बनाने की तैयारी चल रही है, एससी आर योजना के तहत चारों शहरों का विकास तेजी से होगा। लोगों के लिए बेहतर सुवि धाओं के साथ-साथ रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे। दिल्ली मेट्रो की तरह इन शहरों में भी लाइट मेट्रो चलाने की योजना हैजिसमे लगभग 400 करोड़ का खर्चा होने का अनुमान है।वैसे रायपुर से राजनांदगांव के बीच मेट्रो चलाने की भी तैयारी पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने की थी पर उनके ही एक मंत्री राजेश मूणत ने ‘स्काई वाक’ योजना बना कर उनकी मेट्रो योजना को ही धरासायी कर दिया?
और अब बस….
0छ्ग कांग्रेस अध्यक्षदीपक बैज ने पूर्व राज्यपाल,7बार के सांसद रमेश बैस को उप
राष्ट्रपति बनाने की मांग की है।
0कुछ कलेक्टरों को इधर -उधर करने की चर्चा तेज है।
0 वरिष्ठ पुलिस अफसरों की एक पार्टी में जीपी सिंह हिमांशु गुप्ता और एसआर पी कल्लूरी की अनुपस्थित चर्चा का विषय रही…?
0खनिज निगम अध्यक्ष पद दिलाने का झांसा दे भाजपा के वरिष्ठ नेता से 41 लाख 30 हजार ₹ की ठगी का मामला सामने आया है।