सुबह होती है तो फूलों से लिपट जाती है धूप…. शाम होते ही चिरागों में सिमट जाती है धूप….

सुबह होती है तो फूलों से
लिपट जाती है धूप….
शाम होते ही चिरागों में
सिमट जाती है धूप….

छग विष्णुदेव सरकार का बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार फिर टल गया ऐसा लगता है! पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा थी कि 9/10 अप्रेल तक यह हो जाएगा, हरियाणा की तर्ज पर ही 3 मंत्री शामिल होंगे?चर्चा यह है कि 2 मंत्रियों को लेकर तो सहमति थी एक मंत्री के नाम को लेकर कुछ पुराने मंत्रियों ने नाराजगी जाहिर की थी,वहीँ 2/3 मंत्रियों के विभाग बदलने पर संगठन से सहमति नहीं बनी,असल में 2/3 मंत्री तो भाजपा की सरकार बनने के बाद कार्य गुजारी के चलते चर्चा में हैं!खैर मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा कुछ कहना जल्द बाजी ही होगी!

भारत माला परियोजना,
मुआवजा घोटाला…..

आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू)ने भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाला मामले की जांच शुरू कर दी है अब तो इसका विस्तार प्रभावित सभी जिलों में हो गया है।शासन से लगभग 500 पन्नों की रिपोर्ट मांगी है,अब जल्द ही मामले पर एफ आईआर हो सकती है।यह पहली बार है जब राज्य में भूमि मुआवजा विवाद की जांच ईओडब्लू कर रही है, विभाग ने इस घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज पहले ही जुटा लिए हैं, कई बिंदुओं पर गोपनीय जांच हो चुकी है,घोटाले में शामिलों के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी जोरों पर है और जल्द ही गिरफ्तारियां भी संभव हैं।शुरुआती जांच में सामने आया कि कुछ अधिकारियों भू- माफियाओं,प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लगभग 43 करोड़ ₹की मुआवजा राशि हासिल की थी, वहीं मामले की विस्तृत जांच में आंकड़ा बढ़कर 220 करोड़ ₹ से अधिक तक पहुंच गया है, अब तक164 करोड़ ₹ के संदिग्ध लेन- देन का रिकॉर्ड जांच एजेंसी को मिल चुका है, घोटाले के चलते नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने 6 मार्च को पीएमओ, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भी भेजा है।पत्र के माध्यम से मामले में सीबीआई जांच की मांग की,नेता प्रतिपक्ष महंत ने विधान सभा बजट सत्र 2025 में भी इस मुद्दे को उठाया था, बाद में साय कैबिनेट की बैठक में जांच को ईओ डब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया गया था, छग में भारत माला परि योजना के तहत रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 किमी सड़क निर्माण किया जा रहा है।परियोजना में रायपुर-विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क, दुर्ग-आरंग तक सिक्सलेन सड़कबनना प्रस्तावित है,सड़क निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधि ग्रहित की हैं। एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को मुआवजा नहीं मिला हैपता चला है कि कमोबेश 300 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा दिल्ली से दबाव पड़ने के बाद हुआ, मुआ वजे पर 248 करोड़ ₹ देने के बाद 78 करोड़ के क्लेम आने पर नेशनल हाईवे अथारिटी के चीफ विजि लेंस आफिसर ने रायपुर कलेक्टर से जांच कराने कहा था, जांच सालों तक अटकी रही, दिल्ली दबाव के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट तैयार की, जिसमें स्पष्ट हुआ कि मूल मुआ वजा 35 करोड़ के आस पास बनता था, जिसे 213 करोड़ रुपए ज्यादा कर बांट दिया गया….!

वफ्फ एक्ट बना,छग में
12 हजार 347 एकड़ जमीन….

संसद के दोनों सदनों में कुल 25 घंटे से ज्यादा चली दो दिनों की गहन बहस के बाद, शुक्रवार की सुबह संसद ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंज़ूरी दे दी, इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मंजूरी दे दी है अब यह एक्ट बन गया है।राज्यों के अनुसार,उप्र 2.17 लाख वक्फ प्रॉपर्टीज के साथ सबसे आगे है, हालांकि कुल क्षेत्रफल के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं,पश्चिम बंगाल (80,480 प्रॉपर्टी), पंजाब (75, 965), तमिल नाडु (66,092) कर्नाटक (62,830) का स्थान है,32 राज्यों के पास 8,72,328 प्रॉपर्टी हैं, कुल एरिया 38,16, 291.788 एकड़ है। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड की 4,230 प्रापर्टी है जिसके तहत 12,347.1 एकड़ क्षेत्रफल जमीन है।

आईपीएस रजनेश की
विभागीय जाँच खत्म

छत्तीसगढ़ में आईपीएस रजनेश सिंह के खिलाफ चल रही विभागीय जांच छ्ग सरकार ने समाप्त कर दी है। विभागीय जांच को सशर्त समाप्त किया गया है। राज्य सरकार ने रजनेश सिंह के आवेदन, ईओडब्लू द्वारा कोर्ट में दिए गए क्लो जर रिपोर्ट के बाद निर्णय लिया है।कांग्रेस शासन में रजनेश पर फोन टैपिंग से जुड़े दो केस दर्ज हुए थे। आईपीएस रजनेश सिंह वर्तमान में बिलासपुर के एसपी हैं।वहीं दूसरे अफसर का नाम है मुकेश गुप्ता, जो एडीजी पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।उल्लेखनीय है कि आईपीएस रजनेश और मुकेश गुप्ता के खिलाफ साल 2019 में भूपेश बघेल सरकार में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस समय मुकेश गुप्‍ता डीजी गुप्‍त वार्ता के साथ ईओडब्‍ल्‍यू- एसीबी के भी डीजी थे। वहीं,रजनेश, ईओडब्‍ल्‍यू और एसीबी के एसपी थे।दोनों पर रमन सिंह के कार्यकाल में सामने आए नान घोटाले में बिना अनु मति फोन टेप करने का आरोप लगा था। इसके साथ ही दस्‍तावेजों में हेरा फेरी करने का आरोप भी लगा था। तब सरकार ने दोनों अफसरों को निलंबित करने के साथ ही इनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में एफआईआर भी दर्ज करा दी थी।जांच एजेंसी ने क्‍लोजर रिपोर्ट के साथ एफआईआर रद्द करने का आग्रह किया था। पूरे मामले को लेकर एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि जो आरोप अफसरों पर लगाए गए हैं, वैसा अपराध ही नहीं हुआ था। घटनाक्रम के बाद आईपीएस मुकेश गुप्‍ता करीब तीन साल तक सस्पेंड रहे थे। इस दौरान उन्‍होंने अपने सस्पेंशन आदेश को कैट में चुनौती दी थी। बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर सितंबर 2022 में उनका निलंबन खत्म कर दिया गया था। उसी महीने की 30 तारीख को गुप्‍ता,सेवा निवृत्‍त हो गए थे।आईपी एस रजनेश सिंह ने निलंबन आदेश को कैट में चुनौती दी थी।कैट ने निलंबन को गलत ठहराते हुए बहाल करने का आदेश दिया था।

और अब बस…..

0छ्ग में कलेक्टर,आईजी, एसपी की एक बड़ी तबादला लिस्ट कभी भी आ सकती है।
0मप्र के दमोह में कथित फर्जी डॉक्टर की हार्ट सर्जरी से 7 की मौत हो गई है, आरोप है कि इसी की सर्जरी से 19 साल पहले पूर्व विस अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की जान भी चली गई थी!
0प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वरिष्ठ आईपी एस हिमांशु गुप्ता की डीजी पद पर पदोन्नति को नियमों के विरुद्ध बताया है

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