बीजापुर – छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के संवेदनशील और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप “सुशासन तिहार” का सफल आयोजन हो रहा है। कभी जहां जन अदालतों के खौफ से ग्रामीण भयभीत रहते थे, वहीं आज सड़क, बिजली, पानी, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। यह नया बीजापुर, सुशासन और विकास की ओर बढ़ते छत्तीसगढ़ की तस्वीर को साफ दर्शाता है।
अंदरुनी गांवों में भी पहुंचा विकास
बीजापुर के पुजारी कांकेर, कोंडापल्ली, पामेड़, चुटवाही, गलगम, पालनार, कांवड़ गांव, मुतवेंडी, और भैरमगढ़ ब्लॉक के बांगोली, चिंगेर, बेचापाल जैसे कठिन क्षेत्रों में प्रशासन की सक्रियता और योजनाओं के क्रियान्वयन से सुशासन तिहार एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है।
नक्सलवाद से विकास की ओर यात्रा
इन गांवों में एक समय माओवादियों का प्रभाव इतना गहरा था कि कोई सरकारी पहल संभव नहीं थी। लेकिन अब “नियद नेल्लानार योजना” के अंतर्गत, न केवल सुरक्षा बल्कि विकास की नई लहर इन इलाकों में प्रवेश कर चुकी है।
ग्रामीण अब निर्भय होकर शासन के साथ जुड़ रहे हैं, और उन्होंने अब खुद को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की ठानी है। यह परिवर्तन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन नीति का जमीनी असर है।
ग्रामीणों में बढ़ा आत्मविश्वास
लंबे समय से उपेक्षित इन क्षेत्रों में पहली बार शासन-प्रशासन गांव-गांव जाकर समस्याएं सुन रहा है, समाधान दे रहा है और जनसेवाओं को घर पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
सुशासन तिहार अब केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि जनभागीदारी और विश्वास का महोत्सव बन चुका है।
सुशासन तिहार के प्रमुख उद्देश्य:
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शासन की योजनाओं की जानकारी और पहुंच
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ग्रामीणों की शिकायतों का त्वरित समाधान
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माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास को गति
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शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना को बढ़ावा
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जन सहभागिता और भरोसे का निर्माण